ग़ज़ा में जंग के साथ कुपोषण की मार
ग़ज़ा में जंग के साथ कुपोषण की मार
ग़ज़ा में जान जाने का ख़तरा बमों या धमाकों से ही नहीं है. इसराइल ने 11 हफ़्तों तक जो मदद रोकी थी, उससे भी हालात बेहत खराब हुए हैं.
देखिए बीबीसी संवाददाता फ़र्गल कीन की रिपोर्ट. जिसके कुछ हिस्से आपको परेशान कर सकते हैं.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित